Wednesday, August 29, 2018

壳牌被指“不负责任” 副总裁发声辩护

昨日,在壳牌参与赞助的一场伦敦气候变化峰会上,环保活动人士比尔·麦克基本对壳牌提出了严厉的批评,斥责该品牌为“全球最不负责任的公司之一”。

壳牌副总裁杰里米·本瑟姆在非正式会议期间接受了《中外对话》的采访,他谈到公司的核心业务是天然气而非煤炭,因此指责壳牌不负责任是错误的言论。

环保运动组织 . 的创始人比尔•麦克基本特别提到了壳牌在日渐消融的北极地区进行的钻探业务,他对与会人员说道,因为壳牌及“那些与壳牌一样”的公司“贪婪而且短见”的行为,地球将会陷入气候变化的危险境地,这些公司也会被钉在历史的耻辱柱上。

麦克基本还说,不管科学的力量多么强大,气候变化运动多么有影响力,由于缺乏行之有效的抵制行为,化石燃料产业的既得利益集团还是能够压制住人们应对气候变化的努力。“尽管20年前我们在口头上赢得了这场争论,但在行动上却一直处于劣势……这是一场关乎权利和金钱的争斗。”

但是本瑟姆表示,壳牌在天然气领域的投资可以表明其正在理性地思考气候变化这一问题,而且不同种类的化石燃料也不该被混为一谈。他指出:“人们习惯于将各种化石燃料一概而论。但煤炭、石油、天然气的污染物排放所造成的影响具有明显的差异,在产生同等电力的情况下,天然气发电产生的污染排放是使用煤炭产生的污染排放的一半。”

“要达到将地球温升控制在2摄氏度之内的目标,最大的问题是努力到2030年的时候,使煤炭退出全球能源系统。”

然而,作为壳牌“能源方案”计划的负责人,本瑟姆在谈及“在本世纪末实现零排放”这一愿景时承认,壳牌主要是通过技术手段对化石燃料的燃烧排放物进行捕捉和封存,即所谓的“碳捕捉与储存”来实现这一愿景。但目前来看,该技术代价高昂、难以实施。由于受到来自“政治和社会现实因素的限制”,他的团队还没有找到将温升控制在2摄氏度以内的合理方法。

Wednesday, August 15, 2018

RTI दायर कर पूछा गया खाते में कब तक आएंगे 15 लाख रुपये, जानिये क्या मिला जवाब

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागरिकों के बैंक खातों में 15 लाख रुपये डालने का वादा पूरा करने की तारीख के बारे में पूछा गया सवाल आरटीआई कानून के तहत सूचना के दायरे में नहीं आता. इसलिए इसका उत्तर नहीं दिया जा सकता. यह बात प्रधानमंचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत मोहन कुमार शर्मा ने 26 नवंबर 2016 को आवेदन देकर उक्त जानकारी मांगी थी. यह आवेदन 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को चलन से हटाने की घोषणा के करीब 18 दिन बाद दिया गया. इसमें अन्य बातों के अलावा तारीख के बारे में जानकारी मांगी गई कि मोदी जी के वादे के अनुसार कब प्रत्येक नागरिकों के खातों में 15 लाख रुपये डाले जाएंगे.त्री कार्यालय (पीएमओ) ने केंद्रीय सूचना आयोग से कही है.

 सुनवाई के दौरान शर्मा ने मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर के समक्ष शिकायत की कि पीएमओ और रिजर्व बैंक ने उन्हें पूरी सूचना उपलब्ध नहीं करायी. माथुर ने रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार आवेदनकर्ता ने अन्य बातों के अलावा यह जानकारी मांगी थी कि प्रधानमंत्री के वादे के अनुसार नागरिकों के खातों में कब 15 लाख रुपये डाले जाएंगे. यह जानकारी आरटीआई कानून की धारा 2 (एफ) के तहत सूचना के दायरे में नहीं आती.

आरटीआई कानून की इस धारा के अनुसार सूचना से तात्पर्य रिकॉर्ड, दस्तावेज, ज्ञापन, ई-मेल, प्रेस विज्ञप्ति सलाह, अनुबंध, रिपोर्ट, दस्तावेज, नमूना, लॉगबुक समेत किसी भी रूप में रखी सामग्री से है. साथ ही सूचना किसी भी निजी निकाय से संबद्ध हो सकती है, जिसतक किसी भी कानून के तहत सार्वजनिक प्राधिकार की पहुंच हो सकती है. माथुर ने निर्णय किया कि आरटीआई आवेदन के निपटान के संदर्भ में जवाब देने वाले दोनों पक्षों प्रधानमंत्री कार्यालय तथा रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए कदम उपयुक्त है. आरटीआई कानून की इस धारा के अनुसार सूचना से तात्पर्य रिकॉर्ड, दस्तावेज, ज्ञापन, ई-मेल, प्रेस विज्ञप्ति सलाह, अनुबंध, रिपोर्ट, दस्तावेज, नमूना, लॉगबुक समेत किसी भी रूप में रखी सामग्री से है. साथ ही सूचना किसी भी निजी निकाय से संबद्ध हो सकती है, जिसतक किसी भी कानून के तहत सार्वजनिक प्राधिकार की पहुंच हो सकती है. माथुर ने निर्णय किया कि आरटीआई आवेदन के निपटान के संदर्भ में जवाब देने वाले दोनों पक्षों प्रधानमंत्री कार्यालय तथा रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए कदम उपयुक्त है.